विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देना एक कर्तव्य

नवचैतन्य टाईम्स वाई प्रतिनिधी (अमोल मांढरे)अपनी छात्रों को दर्जेदार शिक्षा देना आवश्यक है.आज की एक्किसवी सदि मे बढती हुई जागतिकी करण हमारे सामने विविध समस्या अपने विकास के रास्ते मे खडी है विशेषतः शैक्षणिक क्षेत्र में नए नए पर्याय निर्माण हो रही है .पूर्वपरंपरा से अपने देश के शैक्षणिक संस्था, और विद्यापीठ से शिक्षा लेकर हमारे छात्र जागतिक स्थर पर यशस्वी हो रहे है. यह हमारे देश के लिए एक गर्व की बात है.विज्ञान,संगणक,पर्यावरण, सामाजिकशास्त्र,कला क्रीडा आरोग्य क्षेत्रोमे हमारे छात्र नए नए शेत्र मे सामना करके आज उच्च स्तर पर अनेक पद संभाल रही है l आज की यशस्वी छात्र कल के भविष्य मे अपने देश के आधारस्तंभ है.लेकिन उन्नती के प्रवास मे कई समस्या रुकावट आ रही है .जैसे की बेरोजगारी, दहशतवाद, व्यसनाधीनता, अकाल जैसी समस्या दूर करनी हैं lका सामना हमे करना है.विद्यार्थियों को परिपूर्ण और दर्जेदार शिक्षा मिलना आवश्यक है.भारतीय कृषी यह हमारा
अर्थकारण का सबसे बडा पहलू है. इसके लिए आधुनिक खेती तंत्रज्ञान ने अकाल जैसी समस्या दूर करनी हैं . आधुनिक शेती तंत्रज्ञान से किसानों की समस्या का सकारात्मक परिणाम जरूर मिलेंगे.अपनी भारतीय संस्कृती हमारे देश का एक मुख्य हिस्सा है l और आज का दर्जेदार शिक्षण और संस्कृती इन दोनो का सही समतोल रखना हमारे विद्यार्थियों का आद्य कर्तव्य हैं . पर्यावरण संवर्धन आरोग्य मेक इन इंडिया स्वदेशी का पुरस्कार परराष्ट्र धोरण इन क्षेत्रोमें छात्रो को प्रोत्साहन देना आवश्यक है.इसके कारण उनके पढाई के लिए आर्थिक मदत और बौद्धिक क्षमता को प्रोत्साहन देना फायदेमंद होगा l और इसी कारण अपने देश के विद्यार्थी जागतिक स्थर पर अव्वल स्थान प्राप्त कर लेंगे और हमारे देश की वैभवशाली परंपरा को कायम रखेंगे l आज हमारे विद्यार्थी परकीय आव्हानो को पर्याय निर्माण कर रहे है.युवकों के साथ
हमारे समाज की महिलावर्ग भी हर क्षेत्र मे आगे आ रही है.हमारी सरकार भी महिलाओं के लिए शासन स्तर पर नइ नइ योजना निर्माण कर रही है l विशेषतः प्रोढ साक्षरता यह अभियान शिक्षा का महत्व समाज के हर स्तर मे निर्माण होकर देश की विकास मे उन्नती होगी . विशेषतः प्राथमिक शिक्षण को महत्त्व दिया गया है. प्राथमिक शिक्षण से शिक्षा की नीव भक्कम होगी और हम अपने शिखर को पार कर सकेंगे. हमारे विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक शिक्षा देकर आने वाले दिनो मे हम यशस्वी हो कर रहेंगे. विद्यार्थियों को ये बात भी समजणे चाहिये है की शिक्षा एक शेरनी का दूध होता है. वारिस का फल जिंदगी मे कभी ना कभी तो जरूर मिलेगा. तू विद्यार्थी होणे भी शिक्षा को एक महत्त्व देकर अपना खुदका विकास और साथ ही पुरे समाज का विकास करना जरुरी है.हमारे देश के महापुरुषों का आदर्श हमारे छात्रोको शैक्षणिक अभ्यासक्रम के देकर उनके महान विचार, स्वातंत्र्य का महत्व, देश के लिए सर्वतोपरी त्याग और बलिदान यह शिक्षा देकर हमारे विद्यार्थी स्वयंपूर्ण और आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे. हमारे देश में अनेक महापुरुषों का आदर्श हे. छत्रपती शिवाजी महाराज ,छत्रपती संभाजी महाराज, लोकमान्य टिळक, डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर, स्वामी विवेकानंद, झाशी की राणी,माता जिजाबाई, पृथ्वीराज चौहान. महापुरुषों के आत्मचरित्र और उनका जीवन संघर्ष हमारे विद्यार्थियों को शारीरिक व मानसिक रूप से एक प्रेरणा और शक्ति जरुर देगा. विद्यार्थियों ने भी अपना कर्तव्य समजकर पाश्चिमात्य संस्कृती को छोडकर अपने आदर्श भारतीय संस्कृती स्वीकार करणी चाहिए. मेक इन इंडिया, आयुर्वेद, योगाभ्यास, स्वदेशी सामान, इन का महत्व विद्यार्थियों को किताबों के माध्यम से दे कर हमारे राष्ट्रहित निर्माण करने के लिए एक जरुरी कदम होगा. अपना भारत देश पूरे विश्व में महासत्ता जरूर बनेगा .भारत माता की जय. भारत माता की जय .
वंदे मातरम.धन्यवाद.

इस समाज के लिये सब लेखक ने अपना आद्य कर्तव्य समजकर अपनी कलम से समाजप्रबोधन का काम निपक्ष और निर्भयता से करणा चाहिये..

पिछले दस बारा सालों से हिंदी साहित्य क्षेत्र में उस्फुर्त सहभाग. अनेक कवी संमेलन मे सक्रिय सहभाग के बाद अनेक साहित्य पुरस्कार से सम्मानित. एक राष्ट्रीय कवी और लेखक के द्वारा खुद की एक स्वतंत्र पेहचान.
सतारा जिला मध्यवर्ती सहकारी बँक. मे एक कर्मचारी पद से कार्यरत.
धन्यवाद. जय हिंद .जय भारत

नाम. कविराज अमोल मांढरे.वाई
.जिला सतारा .महाराष्ट्र
Mobile no.7709246740

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